गाज़ी नगर बिरगांव की सरज़मीन पर 11 रोज़ा “ज़िक्रे शोहदाए करबला” का भावपूर्ण समापन
📍 बिरगांव (रायपुर) — गाज़ी नगर, वार्ड क्रमांक 28 स्थित जौहरे आज़म चौक में बीते 11 दिनों से चल रहे “ज़िक्रे शोहदाए करबला” के कार्यक्रम का भावपूर्ण समापन हुआ।
इस ऐतिहासिक आयोजन का नेतृत्व छत्तीसगढ़ इत्तेहाद कमेटी द्वारा किया गया, जो पिछले लगभग दो दशकों से इस पवित्र परंपरा को जीवित रखे हुए है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे –
🔹 हजरत मौलाना अशरफ इजहार साहब
🔹 नकीबे हिंदुस्तान हलचल शिवानी साहब
🔹 शायरे इस्लाम शम्स कलकत्तवी साहब
🔹 हजरत जलालुद्दीन साहब, भिलाई
साथ ही कई स्थानीय ओलमा और शुअरा हज़रात की भी गरिमामयी उपस्थिति रही।
📢 पार्षद श्री इकराम अहमद ने बताया कि सैकड़ों की संख्या में लोगों ने श्रद्धा और इमामे हुसैन की याद में इस कार्यक्रम में शिरकत की।
कमेटी अध्यक्ष जनाब आलमगीर साहब एवं अन्य मेंबरान हज़रात का विशेष सम्मान साल व मेमेंटो भेंटकर किया गया।
🕊️ मौलाना अशरफ इजहार साहब ने अपनी नूरानी तक़रीर में कहा:
> “यह कर्बला की लड़ाई सत्ता या सिंहासन के लिए नहीं, बल्कि हक़ और इंसाफ़ के लिए थी।
यज़ीद ने हुज़ूर-ए-पाक के नवासे, इमामे हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके परिजनों को बर्बरता से शहीद किया, लेकिन हुसैन ने कभी झुकना कबूल नहीं किया।”
💬 इस अवसर पर स्थानीय युवाओं, बुज़ुर्गों और महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। पूरा माहौल इबादत, इत्तेहाद और इस्लामी भाईचारे से ओत-प्रोत रहा।
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सत्य के अंजोर के लिए यह रही एक प्रेरक मिसाल —सांप्रदायिक सौहार्द और ऐतिहासिक चेतना की अद्भुत झलक!
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