रायपुर, 27 अक्टूबर (सोमवार)।
छत्तीसगढ़ राज्य की गौरवशाली रजत जयंती वर्ष को समर्पित एक अनूठी सांस्कृतिक भेंट आज पूरे प्रदेश को समर्पित की गई है। ‘आरुग म्यूजिक (Arug Music)’ ने 27 अक्टूबर को “जय छत्तीसगढ़” नामक भव्य छत्तीसगढ़ महतारी वंदना का लोकार्पण किया है, जो राज्य के स्वाभिमान, संस्कृति और प्रगतिशील यात्रा का अद्भुत संगीतमय चित्रण है।
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फिल्म “मोर छइयां भुईयां” की 25वीं वर्षगांठ को विशेष समर्पण
आज ही के दिन 27 अक्टूबर, 2000 को क्षेत्रीय सिनेमा की पहचान बनी
छत्तीसगढ़ के महानायक अनुज शर्मा की प्रतिष्ठित फिल्म “मोर छइयां भुईयां” रिलीज हुई थी। इस फिल्म ने—
✅ छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री को नई पहचान दी
✅ भाषा, बोली, गीत-संगीत को जन-जन तक पहुँचाया
✅ “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” स्वाभिमान को जगाया
“जय छत्तीसगढ़” इसी सांस्कृतिक विरासत और आत्मगौरव को नमन करती है।
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सरगुजा से बस्तर तक… संस्कृति, प्रकृति और प्रगति का भव्य संगम
इस महतारी वंदना में छत्तीसगढ़ की पहचान के अनेक स्वरूप झलकते हैं—
बस्तर का प्रकृति और जनजातीय सौंदर्य
ढोलकल स्थित जग प्रसिद्ध गणेश जी का दर्शन
सरगुजा की लोकधुन और गीत
प्रदेश की शताब्दीपीठों व देवालयों की आस्था
आधुनिक छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा
यह वंदना पूरे छत्तीसगढ़ को एक भावनात्मक सूत्र में बांधती है।
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32 मूर्धन्य कलाकारों की आवाज़ — 6 बोलियों में एक ही जयगान
इस जयगान में पहली बार—
🎙️ छत्तीसगढ़ की 6 प्रमुख बोलियों का प्रयोग
🎤 32 शीर्ष कलाकारों की सहभागिता
🏅 जिनमें 4 पद्मश्री सम्मानित कलाकार भी शामिल
🎭 संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित तथा देश-विदेश विख्यात कलाकार
इस सामूहिक प्रस्तुति ने “जय छत्तीसगढ़” को बेहद भावुक, भव्य और ऊर्जा से भरपूर बना दिया है।
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रजत जयंती वर्ष में छत्तीसगढ़ महतारी को भावपूर्ण नमन
यह गीत हर छत्तीसगढ़वासी की भावनाओं, मान, सम्मान और पहचान का जयघोष है।
जन-जन की जुबान पर बस एक ही स्वर—
“जय छत्तीसगढ़… माँ तुम ला जोहत हन, पूजत हन।”
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संपादकीय नोट
“जय छत्तीसगढ़” केवल एक गीत नहीं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक अस्मिता को समर्पित एक ऐतिहासिक दस्तावेज है, जो आने वाली पीढ़ियों को छत्तीसगढ़ की जड़ों और गौरव से परिचित कराएगा।



