साथ ही, कैश रिज़र्व रेशियो (CRR) में भी 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है, जिससे यह 3% हो गया है। यह RBI की इस वर्ष की तीसरी लगातार दर कटौती है, जिससे कुल 1% की कटौती हो चुकी है।
📈 बाजार पर प्रभाव
RBI के इस फैसले के बाद भारतीय शेयर बाजार में जोरदार तेजी देखी गई। सेंसेक्स में 800 अंकों से अधिक की बढ़त हुई, जबकि निफ्टी बैंक इंडेक्स 56,644 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। बैंकिंग, ऑटोमोबाइल, और रियल एस्टेट जैसे ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील सेक्टर्स में 2% से 5% तक की बढ़त देखी गई।
💡 RBI के निर्णय के पीछे के कारण
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि मुद्रास्फीति नियंत्रित दायरे (2% – 4%) में है, जिससे आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए दरों में कटौती की गई है। इसके अलावा, वैश्विक अनिश्चितताओं और व्यापार युद्धों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
🏦 CRR कटौती का प्रभाव
CRR में 1% की कटौती से बैंकों के पास ₹2.5 लाख करोड़ की अतिरिक्त तरलता उपलब्ध होगी, जिससे ऋण देने की क्षमता बढ़ेगी और ब्याज दरों में कमी आ सकती है।
🔮 भविष्य की दिशा
RBI ने अपनी मौद्रिक नीति का रुख ‘समायोजनात्मक’ से ‘तटस्थ’ कर दिया है, जिसका अर्थ है कि भविष्य में दरों में बदलाव आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगा। गवर्नर मल्होत्रा ने संकेत दिया कि आगे दरों में कटौती की सीमित संभावना है, लेकिन यदि आवश्यक हुआ तो RBI आवश्यक कदम उठाएगा।