कर्मचारी-अधिकारियों की मांगों को लेकर आरंग में सौंपा गया मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

 

गूंजे वादा निभाओ के नारे, फेडरेशन के बैनर तले शुरू हुआ चरणबद्ध आंदोलन

 

📍आरंग, रायपुर | छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की प्रांतीय इकाई के आह्वान और जिला इकाई के निर्देशानुसार प्रदेशभर में कर्मचारियों और पेंशनरों की लंबित मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है। इसी क्रम में आरंग अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पुष्पेंद्र शर्मा को मुख्यमंत्री विष्णु देव साईं के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया।

 

ज्ञापन में विधानसभा चुनाव से पूर्व ‘मोदी की गारंटी’ के तहत जारी घोषणापत्र के अनुरूप वादों को जल्द पूरा करने की मांग की गई। मुख्य मांगे निम्नानुसार रहीं:

 

🔹 केंद्र के समान महंगाई भत्ता (DA) देय तिथि से लागू किया जाए

🔹 पूर्व की लंबित डीए एरियर की राशि को GPF खाते में समायोजित किया जाए

🔹 सेवाकाल में सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए

🔹 दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों को शीघ्र नियमित किया जाए

🔹 वर्तमान में लंबित 2% महंगाई भत्ता तत्काल प्रभाव से प्रदान किया जाए

🔹 कुल 11 सूत्रीय मांगों के शीघ्र समाधान की अपील

 

इस दौरान फेडरेशन के आरंग संयोजक माणिक लाल मिश्रा के नेतृत्व में ‘वादा निभाओ – अधिकार दिलाओ’ जैसे नारों के साथ रैली भी निकाली गई, जिसमें सभी संगठनों के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी रही।

 

🔸 प्रमुख प्रतिनिधियों की उपस्थिति

 

इस आंदोलन में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से:

 

केशव डहरिया – अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ शासकीय लिपिक संघ

 

लक्ष्मण प्रसाद पनका – अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ पेंशनर्स संघ

 

हरीश दीवान – अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन

 

रामकुमार सिन्हा – तहसील अध्यक्ष, कृति वर्ग कर्मचारी संघ

 

अरविंद वैष्णव – ब्लॉक अध्यक्ष

 

प्राचार्यगण – इंद्रजीत बिद, एस के ऊपरडे, भारत भूषण वर्मा, पेमल लाल साहू

 

वरिष्ठ प्रतिनिधि – शैलेंद्र कुमार शुक्ला, केपी गोस्वामी, एन के गिलहरे, अश्वनी साहू, दयालु भारद्वाज, खिलानंद साहू, नीता शर्मा, रानी कुर्रे, जितेश्वर देवांगन, थान सिंह चंद्राकर

 

राजस्व विभाग से – राजकुमार साहू, बद्री प्रसाद टंडन, सुनील कुमार मिश्रा, मनोज मुछावर

 

पटवारी संघ – राहुल जोशी (सचिव)

 

स्वास्थ्य विभाग – संयोजक धनेश कुमार बघेल

 

 

🔹 सभी प्रतिनिधियों ने एक सुर में शासन से मांग की कि कर्मचारियों की जायज़ मांगों को तत्काल माना जाए, जिससे शासन-प्रशासन के कार्यों में सकारात्मक ऊर्जा और स्थायित्व बना रहे।

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