शीतला मंदिर प्रांगण सरोरा में महतारी सदन निर्माण कार्य पर हाईकोर्ट की रोक, अवमानना नोटिस जारी
स्थानीय विरोध के बीच न्यायालय ने माना आदेश उल्लंघन, अधिकारियों व सरपंच को जारी हुआ नोटिस
रायपुर/तिल्दा |
राजधानी रायपुर ज़िले के तिल्दा जनपद अंतर्गत ग्राम सरोरा स्थित शीतला माता मंदिर प्रांगण में विवादित तरीके से चल रहे महतारी सदन भवन निर्माण कार्य पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। न्यायालय ने पूर्व आदेश के उल्लंघन के मामले में जिला अधिकारियों एवं सरपंच को अवमानना नोटिस जारी करते हुए जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
🔍 क्या है मामला?
ग्राम सरोरा के खसरा नंबर 1317/4 पर महतारी सदन भवन का शिलान्यास स्थानीय विधायक व मंत्री श्री टंकराम वर्मा द्वारा पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के दिन तत्कालीन सरपंच बिहारी राम वर्मा के साथ किया गया था।
परंतु बाद में भवन का स्थान मनमाने व द्वेषपूर्ण तरीके से बदलते हुए, शंकराचार्य मंच के ठीक सामने स्थानांतरित कर दिया गया। आरोप है कि इस कदम का उद्देश्य शंकराचार्य के शिष्यों को नीचा दिखाना था। इसके लिए ग्रामीण यांत्रिकी विभाग तिल्दा के उप अभियंता कमलेश चंद्राकर के माध्यम से नई लेआउट जारी कर निर्माण कार्य प्रारंभ करवा दिया गया।
🚫 स्थानीय समिति और शिष्यों ने किया विरोध, मामला पहुँचा हाईकोर्ट
इस निर्णय के विरुद्ध मां शीतला समिति के अधिकांश सदस्य एवं शंकराचार्य परंपरा से जुड़े अनुयायियों ने विरोध दर्ज कराते हुए, संबंधित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को निर्धारित मूल स्थल पर निर्माण करने का निवेदन किया। जब स्थानीय प्रशासन व विधायक द्वारा सहयोग नहीं मिला, तो समिति को उच्च न्यायालय में याचिका (रिट पिटीशन) दाखिल करनी पड़ी।
⚖️ अदालत में दिया गया था निर्माण न करने का आश्वासन
दिनांक 13 जून 2025 को केस क्रमांक 2825/2025 की सुनवाई के दौरान, सरकारी अधिवक्ता सतीश गुप्ता ने न्यायालय में लिखित आश्वासन दिया था कि
> “जब तक इस प्रकरण पर निर्णय नहीं हो जाता, निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा।”
लेकिन इसके विपरीत, वर्तमान सरपंच के पति विश्राम साहू के दबाव में निर्माण कार्य पुनः आरंभ करवा दिया गया, जिसे कोर्ट ने स्पष्ट रूप से न्यायालय की अवमानना माना है।
⚖️ अवमानना पर कोर्ट सख्त, जारी हुआ नोटिस
इस अवमानना की शिकायत पर मां शीतला समिति द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत गुप्ता एवं अनिल त्रिपाठी के माध्यम से अवमानना याचिका प्रस्तुत की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने:
निर्माण कार्य पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई
जिला स्तर के अधिकारियों एवं सरपंच ग्राम पंचायत सरोरा को अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया
🙏 समिति ने न्याय की जीत बताया
इस आदेश से मां शीतला समिति व शंकराचार्य परंपरा से जुड़े अनुयायियों में हर्ष और संतोष का वातावरण है। समिति ने इसे “न्याय की जीत” बताते हुए कहा कि
> “धार्मिक स्थल की मर्यादा एवं भावना के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।”
इस संबंध में जानकारी समिति के उप संरक्षक श्री डी.डी. अग्रवाल द्वारा दी गई।
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📢 नोट:
यह खबर एक संवेदनशील धार्मिक स्थल और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ी हुई है। कृपया किसी भी टिप्पणी या साझा करने से पहले पूरी जानकारी पढ़ें।